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Chhapaak Review: कभी रुलाती तो कभी डराती है छपाक : दीपिका पादुकोण

Chhapaak Review

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इस देश में… नहीं, इस दुनिया में एक लड़की होना आसान बात नहीं है. हम रोज ना जाने कितनी बातों का सामना करते हैं, जिनमें से कई चीजों के बारे में किसी से बात करने में भी हम हिचकिचाते हैं. हम सभी के मन में रोज अलग डर होता है. शाम को बाहर ना जाना, कपड़ें ढंग से पहनना और भी बहुत सी बातें या तो हमें कही जाती हैं या फिर खुद हम ही सोचने लगते हैं.

आप नहीं जानते आपके साथ क्या होने वाला है. रेप से डर सभी को लगता है, हर लड़की को. लेकिन जिस बात पर हम कम ही ध्यान देते हैं वो है एसिड अटैक. किसी की सूरत के साथ-साथ उनकी पूरी जिंदगी बिगाड़ देने वाला ये दुष्कर्म हमारे देश में ना जाने कितनी लड़कियों के साथ हुआ है. ऐसी ही एक लड़की है लक्ष्मी अग्रवाल, जिसकी जिंदगी से प्रेरित होकर डायरेक्टर मेघना गुलजार ने अपनी फिल्म छपाक को बनाया है

फिल्म छपाक की कहानी दिल दहला देने वाली है. ये कहानी है मालती अग्रवाल (दीपिका पादुकोण) की, जिसपर एसिड से अटैक किया गया है. मालती का पूरा चेहरा जल चुका है और उसकी जिंदगी तबाह हो गई है. लोगों का शक उसके बॉयफ्रेंड राजेश (अंकित बिष्ट) पर जाता है, लेकिन मालती का गुनहगार राजेश नहीं बल्कि उसी का जानकार बब्बू उर्फ बशीर खान और उसकी रिश्तेदार परवीन शेख है.

19 साल की मालती की मदद में आगे आती है उसके पिता की मालकिन शिराज और उनकी वकील अर्चना (मधुरजीत सरघी). अर्चना, मालती का केस लड़ती है और उसे न्याय दिलाने के लिए मेहनत करती है. वहीं मालती की मुलाकात होती है अमोल से, जो अपनी पत्रकार की नौकरी छोड़कर एसिड अटैक सर्वाइवर्स के इलाज के लिए NGO चला रहा है. मालती और अमोल साथ काम करते हैं और प्यार में पड़ जाते हैं!

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