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बीजेपी जैसे साम्प्रदायिक पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए हमने हमेशा से कांग्रेस का साथ दिया, लेकिन बदले में हमेशा उसने छुरा घोपा हैं- बसपा सुप्रीमो मायावती

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आइये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर बसपा सुप्रीमों मायावती ने क्यों कहा कि बसपा ने बीजेपी जैसे साम्प्रदायिक पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए हमेशा से कांग्रेस का साथ दिया, लेकिन बदले में हमेशा उसने छुरा घोपा हैं.

तथ्यों के साथ सिलसिलेवार आपको बताने की कोशिश करते हैं,

सबसे पहले कांग्रेस ने बसपा सस्थापक मा. कांशीराम द्धारा बनाई बामसेफ को तोड़ा था।  प्रूफ के लिए हम उनका ऑडियो क्लिप जो यूट्यूब पर मौजूद है यहाँ दे रहे हैं – https://www.youtube.com/watch?v=JEZZKf92xtE

विधान सभा में बसपा ने कब-कब कांग्रेस की मदद की :- 

  • सबसे पहले 1996 में बसपा और कांग्रेस का समझौता उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ था जब कांग्रेस उत्तर प्रदेश में दम तोड़ने की स्थिति में थी।  बसपा ने कांग्रेस से गठबंधन करके उसे उत्तर प्रदेश में पुनर्जीवन भी दिया वो बात अलग है कि कांग्रेस अपना वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं करा पाई थी।
  • सन 2008 में राजस्थान जब कांग्रेस के पास सरकार बनाने के लिए विधानसभा में संख्या बल कम था तब बसपा ने अपने 6 विधायकों का बिना सर्त समर्थन देकर सरकार बनवाई थी। सरकार बनाने के बाद कांग्रेस ने लालच देकर बसपा के सभी विधायकों को तोड़कर कांग्रेस में शामिल कर लिया था।
  • उत्तराखण्ड में तो इस तरह बसपा ने कांग्रेस की कई बार सरकार बनाने में मदद की थी मगर हर बार कांग्रेस ने बसपा के विधायक तोड़कर न केवल बसपा की पीठ में छुरा घोपा बल्कि गठबंधन धर्म को तार-तार किया।
  • हरयाणा में भी बसपा ने बिना सर्त कांग्रेस को समर्थन देकर सरकार बनवाई मगर वहाँ भी कांग्रेस ने छल करके बसपा विधायक को तोड़ लिया था।
  • मध्य प्रदेश , हिमाचल , पंजाब , आंध्रा प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेश में भी कांग्रेस ने यही सब किया था।

राज्य सभा चुनाव में बसपा ने कब-कब कांग्रेस की मदद की :-

  • बसपा ने कई बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास संख्या न होने पर कांग्रेस को अपने विधायकों का समर्थन देकर राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस की मदद की थी।
  • उत्तराखण्ड में भी बसपा ने राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस की जमकर मदद की थी।
  • मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड में जब अमित शाह ने भाजपा के संख्या बल न होने पर एक- एक एक्स्ट्रा उमीदवार उतार दिया था तथा वहाँ पर कांग्रेस के पास भी जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं था तब बसपा ने अपने विधायकों के बल पर भाजपा को हराया और कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को जिताया था।

लोक सभा में भी सरकार बनवाने में बसपा ने कांग्रेस की मदद की :-

  • सन 1999 ,2004 और 2009 में लोक सभा में भी कई बार बसपा ने बिना सर्त समर्थन देकर कांग्रेस की मदद की थी तथा कई महत्वपूर्ण बिल भी पास कराने में कांग्रेस की मदद की थी।
  • सन 1998 में तो बसपा ने केवल लोकसभा के 5 मेंबर के दम पर बाजपेई के नेतृत्व (leadership) वाली सरकार को गिराकर सबको आश्चर्य चकित कर दिया था।

नगर निगम व नगरपालिकायों में भी बसपा ने कांग्रेस की मदद की है :-

  • हरिद्वार में नगर निगम पहले नंबर की पार्टी थी फिर भी उसने कांग्रेस को बिना सर्त दिया था।

 

 

 

 

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