पंजाब के अमृतसर मे दशहरा आयोजकों की लपरवाई ने ली 70 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और कई लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं ,प्राप्त जानकारी के अनुसार दशहरा आयोजकों ने रावण दहन से पहले किया था डांस और गानों का प्रोग्राम था और उसके लिए बड़े-बड़े डी.जे. के साथ बड़ा टी.वी. स्क्रीन भी लगाया था और मिठाई बाँटने का भी आयोजन था। जिसके कि ज्यादा से ज्यादा लोग जुट सकें । दशहरा आयोजकों ने एक बड़ा स्क्रीन टी.वी. बिल्कुल रेलवे ट्रैक के पास लगाया था। जिससे भारी संख्या मे लोग इकट्ठा हुए और जगह कम होने और बिल्कुल रेलवे ट्रैक पास टी.वी. स्क्रीन होने रेल्वे ट्रैक पर काफी संख्या मे लोग जमा थे । जिस समय ट्रेन गुजर रहीं थी उस समय पटाखे और आतिशबाज़ी की वजह से काफी शोर था और वातावरण प्रदूसित होने की वजह से विजिविलिटी कम थी । इसी कारण न तो दर्शक ट्रेन को देख पाये और न ही ट्रेन ड्राईवर को पता लग पाया था । यही बात दुर्घटना का दुरद्र्ष्य देखने वालों और ट्रेन ड्राईवर ने बताई है ।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा, ‘अभी मुझे नहीं पता है कि रेलवे स्टेशन के बगल में रावण का यह पुतला क्यों बनाया गया था. लेकिन प्रशासन इसे देखेगा, हम इसकी जांच करेंगे
लोगों का कहना है कि आयोजकों का इंतजाम सही नहीं था, दरअसल, जिस जगह पर रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, उसके हिसाब से आयोजकों को काफी तैयारियां करने की जरूरत थी. आयोजकों ने भीड़ के हिसाब से इंतजाम सही नहीं किया था. आयोजकों ने रावण दहन देखने के लिए एलईडी स्क्रीन का भी इस्तेमाल किया था, जिसका एक भाग पटरी की तरफ था. यही वजह है कि पटरियों पर लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। और मिठाइयाँ बाँटने का इंतजाम किया था। मगर सुरक्षा को कोई व्यवस्था नहीं की थी। लोगों का ये भी कहना है कि क्या आयोजकों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज होगा ?
रेलवे का साफ – साफ कहना है कि उसे इस रावण दहन कार्यक्रम के बारे में कोई सूचना नहीं मिली थी. आयोजकों ने रेलवे को इसके बारे में किसी तरह से सूचित नहीं किया था. यही वजह है थी कि रेलवे ने एयहतियातन कोई कदम नहीं उठाया था क्योंकि उसे पता ही नहीं था। वहीं रेलवे का कहना है कि अंधेरे की वजह से और पटाखों की आतिशबाजी भी ड्राइवर भीड़ का अनुमान लगाने में नाकामयाब रहा.
वतौर मुख्य अतिथि नवजोत कौर सिद्धू का देर से पहुंचना भी दुर्घटना का एक कारण है , ऐसा माना जा रहा है कि अगर रावण दहन कार्यक्रम में पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू देर से पहुंची थी। अगर वह समय पर पहुंचतीं तो समय से रावण दहन हो जाता, और संभव है कि लोग वहां से हट भी गये होते. बताया जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू को 4.30 में पहुंचना था, मगर वब 6 बजे के बाद पहुंचीं थीं. करीब 6.15 बजे।
अभी तक ये पता नहीं लग सका है कि लोकल प्रशासन से परमिशन ली थी या ये सब बिना परमिशन के ही हो रहा था।