जेसिका लाल मर्डर केस के दोषी मनु शर्मा मनु शर्मा उर्फ सिद्दार्थ वशिष्ठ को जेल से रिहा करने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है। आजीवन कारावास की सजा काट रहा मनु शर्मा फिलहाल पैरोल पर जेल से बाहर है। हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को दिसंबर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट ने 1999 में जेसिका लाल की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले दिल्ली सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) ने पिछले महीने मनु शर्मा की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी। सूत्रों ने कहा कि सिफारिश 11 मई को दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में एसआरबी की बैठक में की गई थी। इस सिफारिश को अब एलजी की मंजूरी मिल गई है। एलजी ने मनु शर्मा के साथ ही 17 और लोगों को भी रिहा करने का आदेश दिया है।
दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) ने जेसिका लाल हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय पूर्व रिहाई की सिफारिश करते हुए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजा गया था। यह छठी बार था जब समय से पहले रिहाई के लिए मनु शर्मा की याचिका सजा समीक्षा बोर्ड के समक्ष रखी गई थी।
दरअसल, सजा समीक्षा बोर्ड जिन 14 पैरामीटर्स को रिहाई के लिए उचित मानता है, मनु शर्मा उन सभी 14 मापदंडों को पूरा करता है। इसके अलावा मनु शर्मा ने सेमी ओपन जेल में समय बिता चुका है और अब वह खुली जेल में था। यहां तक की जेल एवं कल्याण अधिकारी की तरफ से भी उसके जेल में रहे आचरण को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट दी गई थी।
हाईकोर्ट ने पलट दिया था ट्रायल कोर्ट का फैसला
पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को दिसंबर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट ने 1999 में जेसिका लाल की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इससे पहले एक ट्रायल कोर्ट ने मनु को बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलट दिया और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी अप्रैल 2010 में मनु की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा।
30 अप्रैल, 1999 की रात दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में कुतुब कोलोनाडे में सोशलाइट बीना रमानी के टेमरिंड कोर्ट रेस्त्रां में शराब परोसने से इनकार करने के बाद जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।