स्वामी जब बीजेपी में आए थे तो अपने साथ समर्थकों की भी लंबी फौज लेकर आए थे। सूत्रों का कहना है कि स्वामी को उम्मीद थी कि उनके कोटे में 25 से 30 टिकट आएंगे। अब जब टिकट वितरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो स्वामी की उम्मीदों को झटका लगता नजर आ रहा है। स्वामी के साथ उनके बेटे-बेटी भी टिकट के लिए दावेदार हैं।
बीजेपी अगर तीनों को टिकट देती है तो पार्टी में दूसरे कार्यकर्ताओं को समझाना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए संभावना न के बराबर है। वहीं स्वामी के कई दूसरे समर्थकों के भी खाली हाथ रहने के आसार हैं। इसके बाद चर्चा तेज हो गई है कि स्वामी नए विकल्पों पर भी काम कर सकते हैं। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य इससे इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जल्द ही उनकी मुलाकात शाह से हो जाएगी। उनके आने-जाने को लेकर बातें केवल हवाबाजी हैं।
बीजेपी ने पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची सोमवार को जारी कर दी। सूत्रों की मानें तो स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले तीन दिनों से दिल्ली में ही जमे हुए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का समय मांगा है। हालांकि, उन्हें समय नहीं मिल नहीं पा रहा है।