बसपा नेता पूर्व विधायक जमीरउल्ला ने माना, पुलिस मुठभेड़ में ढेर मुस्तकीम व नौशाद अपराधी थे.

अलीगढ़ (जेएनएन)। हरदुआगंज एनकाउंटर में 20 सितंबर को ढेर 25-25 हजार के इनामी मुस्तकीम व नौशाद को निर्दोष बता रहे पूर्व विधायक बसपा नेता जमीर उल्लाह भी अब मान रहे हैं कि वे अपराधी थे। एटा शहर मुफ्ती हत्याकांड के पैरोकार जाने आलम के उस दावे का पूर्व विधायक ने समर्थन किया, जिसमें कहा गया था कि साधुओं की हत्या के बाद लूटे गए मोबाइल से मुस्तकीम ने ही पैरोकारों को फोन किए थे।

वह अपराधी का साथ नहीं देते
शहर मुफ्ती के बेटे सुहैब के साथ एटा से आए पैरोकारों की बातें सुनकर पूर्व विधायक ने अपने कार्यालय पर ये बातें मीडिया के सामने कहीं। पैरोकारों ने मुस्तकीम के साधुओं समेत छह हत्याओं में शामिल होने का दावा किया, जिस पर पूर्व विधायक ने कहा कि वे अपराधियों के साथ नहीं हैं। तब एक मां मदद मांगने आई थी, आज शहर मुफ्ती का बेटा मदद मांग रहा है।

यह है मुख्य वजह
एटा में दो अप्रैल 2016 को हुए शहर मुफ्ती शहजाद हत्याकांड की पैरोकारी कर रहे जाने आलम का दावा था कि साधुओं की हत्या के बाद लूटे गए मोबाइल से उन्हें फंसाने के लिए मुस्तकीम ने फोन किए। ये बात 21 सितंबर को मुस्तकीम की दादी रफीकन व नौशाद की मां शाहीन के सामने बातचीत की रिकार्डिंग सुनाकर साबित की। पूर्व विधायक भी तब मौजूद थे। रफीकन ने आवाज पहचान ली थी। वार्ता के समय आलम के अलावा एटा से शहर मुफ्ती शहजाद अली का बेटा सुहैब, सपा नेता शराफत हुसैन काले, हाजी कैसर अली, बसपा नेता जहीर आदि शामिल थे। जाने आलम ने मुस्तकीम को लेकर अपनी बात दोहराई।

तब नहीं थी पूरी जानकारी
पूर्व विधायक ने कहा, ‘तब उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। अब पता चला है। वे अपराधियों के साथ नहीं हैं। उस वक्त एक मां आई थी, जिसकी पीड़ा सुनकर सवाल उठाए थे, अब जब पूरा मामला सामने आ गया है तो टिप्पणी नहीं करेंगे। जांच चल रही है, सच्चाई सामने आ जाएगी। वह शहर मुफ्ती के बेटे सुहैब के साथ हैं, इसे इंसाफ दिलाएंगे।
एएमयू छात्र नेताओं पर नहीं की टिप्पणी
एएमयू, जेएनयू छात्र नेताओं के दोनों महिलाओं को साथ ले जाने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। सपा नेता शराफत हुसैन ने जरूर कहा कि वे छात्र नेताओं को सच्चाई बताकर समझाएंगे।

पुलिस की कहानी पर उठे सवाल
मुठभेड़ में ढेर मुस्तकीम व नौशाद को अपराधी साबित करने के पुलिस ने भले ही तमाम साक्ष्य जुटा लिए हों, मगर कार्रवाई को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में है। 19 सितंबर को दोनों को घर से उठाकर अगले दिन एनकाउंटर की बात कही जा रही है। फिर ये लोग क्वार्सी क्षेत्र में बाइक कैसे लूट सकते हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के सीने में दो-दो गोलियां आर-पार हो गईं, जिससे दिल, फेफड़े आदि अंग फट गए। ऐसी स्थिति में ये दो घंटे जिंदा रह जाएंगे, जबकि पुलिस दावा कर रही है कि इसी हालत में दोनों ने अपने नाम-पते बताए थे।

एनकाउंटर के बाद खोजा क्यों खोजा इतिहास?
एनकाउंटर के बाद ही इनका आपराधिक इतिहास क्यों खोजा गया? पूर्व में हुए छहमार गिरोह के सरगना भीका और तीन गुर्गों के एनकाउंटर में भी पुलिस ने यही दावा किया था। आरोप ये भी लग रहे हैं कि जिस खंडहरनुमा इमारत में एनकाउंटर हुआ, वहां का एक दिन पहले निरीक्षण किया गया था। बसपा पार्षद दल के नेता मुशर्रफ ने इसे पूर्व नियोजित बताया। वार्ता में शामिल एएमयू के पूर्व उपाध्यक्ष माजिद हुसैन ने पुलिस कार्रवाई पर तंज कसते हुए कहा, एनकाउंटर ही करना है तो केंद्रीय स्तर पर सेल गठित कर उसी से कराए जाएं। इधर, मुस्तकीम, नौशाद की मां के अपहरण में अभियुक्त एएमयू, जेएनयू के छात्र नेताओं के विरुद्ध पुलिस ने नोटिस, गिरफ्तारी आदि कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
नहीं मिल रहा असली पता

मूल पते भी तलाश न सकी पुलिस
सवाल ये भी उठ रहे हैं कि पुलिस अभी तक मुस्तकीम व नौशाद के मूल पते क्यों नहीं तलाश सकी? जबकि दावे किए जा रहे हैं कि ये लोग परिवार के साथ मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, पश्चिम बंगाल, रुड़की, हापुड़ आदि स्थानों पर नाम, धर्म बदल कर रहे और अपराध किए। पुलिस अधिकारी इनकी जन्म कुंडली जल्द ही सामने लाने का दावा कर रहे हैं।

परिवार के मौलिक अधिकारों का  हनन कर रही है पुलिस
हरदुआगंज एनकाउंटर कहीं पुलिस के गले की फांस न बन जाए। मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की तैयारी चल रही है। मुस्तकीम और नौशाद के परिजन नजरबंदी हटाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को डीआइजी को दिल्ली से पोस्ट किए शिकायती पत्र में नौशाद की मां शाहीन ने कहा है कि पुलिस उनके मौलिक अधिकारों का हनन कर परिवार की नजरबंदी कर रही है। पुलिस ने उसके बेटे और दामाद की घर से उठाकर हत्या कर दी। अब परिवार के लोगों को किसी ने मिलने नहीं दिया जा रहा। अपहरण की झूठी रिपोर्ट दर्ज कर ली है। ये भी बताया कि मकान मालिक के इशारे पर पुलिस दोनों को उठा ले गई और एनकाउंटर दिखा दिया। मकान मालिक अपराधी किस्म का है, इससे परिवार को जान का खतरा है। नौशाद और मुस्तकीम के मां को साथ ले जाने के आरोप में एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन आदि के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज है।

वकीलों के संपर्क में छात्र नेता
एएमयू के पूर्व छात्र नेता फैजुल हसन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से संपर्क किया जा रहा है, जिससे ये मामला कोर्ट में पेश किया जा सके। दोनों महिलाएं सुरक्षित हैं, इनके खाने पीने का पूरा बंदोबस्त किया गया है। यही महिलाएं पुलिस की झूठी कहानी से पर्दा उठाएंगी।

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