क्या झूठे व फर्जी सर्वे या किसी अन्य गलत तरीके से भारत में चुनाव जीता जा सकता है ? ये सवाल आजकल भारत में सभी के जहन में गूँजता रहता है।
आइये इसकी सच्चाई जानने की कोशिश करतें हैं। हमने लोगों से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि कुछ बड़ी राजनैतिक पार्टियाँ चुनाव जीतने के लिए निम्न तरीके अपना सकती हैं। और इसका सबसे बड़ा नुकसान तीसरे, चौथे व पाँचवें नंबर की पार्टियों को उठाना पड़ता है।
- न्यूज़ चॅनेल्स व अखबार के द्धारा झूठे व फर्जी सर्वे
- झोला छाप ज्योतिष के द्धारा झूठी भविष्यवाणी
- सट्टेबाजी की खबर बना कर लोगों को भ्रमित करना
- अंधविश्वास फैला कर गुमराह करना
- धन, पद या किसी अन्य प्रकार का लोभ देकर
- झूठे प्यार के जाल में फसाकर
- जातियों को आपस में लड़ाकर
- एक धर्म के लोगों को दूसरे धर्म के लोगों के साथ लड़ना व दंगें कराना।
- गुण्डागर्दी के आधार पर वोट लेना
- EVM में सैटिंग करके
- अन्य छुपे हुए तरीके अपना कर
इस संबन्ध में हमने भाजपा कॉंग्रेस के बाद देश की तीसरे नंबर की राष्ट्रीय पार्टी “बहुजन समाज पार्टी ” के नेताओं से बात की तो उन्होंने भी इस बात पुष्टि की और बताया कि कैसे उनकी पार्टी को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने बताया कि झूठे व फर्जी सर्वे के चलते बसपा को 45 से 50 प्रतिशत वोटों का नुकसान होता था।
बातों-बातों में उन्होंने ये भी बताया कि अभी जनता जाग चुकी है और अब इन न्यूज़ चॅनेल्स व अखबार के द्धारा झूठे व फर्जी सर्वे के बहकावे में नहीं आएगी।
बहिन जी के समर्थकों ने हमें ये भी बताया कि भाजपा व कॉंग्रेस वाले दलाल मीडिया की सहायता से देश में पिछले 25 सालों से हर चुनाव में झूठा व तथ्यहीन प्रचार कर रहे हैं कि चुनाव बाद बसपा , भाजपा के साथ समझौता करेगी। जनता अब सब जान गई हैं , अब क्या बहिन जी से भाजपा की कब्र ही खुदवाओगे ? जानते नहीं हो क्या ? कैसे बहिन जी ने यू.पी. में भाजपा को 59 सांसद से केवल 9 पर ला दिया था। तथा भाजपा व RSS का एक भी एजेंडा लागू नहीं होने दिया था और न ही गुंडागर्दी होने दी थी। कुंडा के गुण्डा का हाल भूल गए क्या ?
वो बताते हैं कि भाजपा व कॉंग्रेस बहुजन समाज से कुछ दलाल किस्म के लोगों को पैसों आदि का लालच देकर बाबा साहेब के नाम पर फर्जी संगठन चुनाव के समय खड़े करते हैं ताकि बसपा की मूवमेंट को नुकसान पहुँचाया जा सके मगर अब सभी बहुजन समझ चुकें हैं वो अब किसी भी दलाल या भाजपा व कॉंग्रेस के बहकावे में नहीं आने वाले।