‘संविधान’ बना Oxford Hindi Word of the Year 2019, जानिए क्या रही वजह

Oxford Hindi Word of the Year 2019

Oxford ने ‘संविधान’ को साल 2019 का हिन्दी वर्ड आफ द इयर चुना है. ये साल का हिंदी शब्द (Oxford Hindi Word of the Year 2019) बना है इसके पीछे कुछ खास वजह बताई जा रही है.

बता दें कि ये शब्द साल 2019 के प्रकृति, मिजाज़, माहौल और मानसिकता को व्यक्त करने वाला है. वैसे इसे इसके स्थायी सांस्कृतिक महत्त्व के कारण Oxford Hindi Word of the Year 2019 चुना गया है. Oxford Languages की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक साल के हिन्दी शब्द के चुनाव के लिए ऑक्सफोर्ड ने हिन्दी बोलने वालों से अपने Facebook Page पर सुझाव मांगे थे.

ऑक्सफोर्ड ने जनवरी 2020 में हिन्दी भाषी लोगों से ‘हिंदी वर्ड ऑफ द इयर’ के बारे में सुझाव मांगे थे. इसके बाद लोगों ने अपनी अपनी तरह से रिऐक्शंस दिए. हिंदी भाष‍ियों की तरफ से तमाम प्रविष्ट‍ियां भेजी गईं. Oxford ने वर्ष के हिन्दी शब्द के चुनाव के लिए हिंदी भाषा के विशेषज्ञों और परामर्श मंडल के साथ ये प्रविष्ट‍ियां साझा कीं. इस पर गहन विचार विमर्श किया गया. इसके बाद तय किया गया कि संविधान ही साल 2019 का Oxford Hindi Word of the Year 2019 है जिसे सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली.

क्या होता है संविधान

किसी देश में संविधान वो लिखि‍त नियम हैं जिससे उस देश की पूरी व्यवस्था चलती है. बता दें कि भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में हमारे संविधान को तैयार किया था. संविधान सभा में जवाहरलाल नेहरू ने 13 दिसंबर 1946 को एक उद्देशिका पेश की थी. जिसमें बताया गया था कि किस प्रकार का संविधान तैयार किया जाना है.

इसी उद्देशिका से जुड़ा हुआ जो प्रस्ताव था वह संविधान निर्माण के अंतिम चरण प्रस्तावना के रूप में संविधान में शामिल किया गया. इसी  कारण प्रस्तावना को उद्देशिका के नाम से भी जाना जाता है

ये है प्रस्तावना

“हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय,  विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना  की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता  प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की  गरिमा और राष्ट्र की और एकता अखंडता  सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़  संकल्प हो कर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई० (मिति मार्ग शीर्ष  शुक्ल सप्तमी, संवत दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद संविधान को अंगीकृत, अधिनियिमत और आत्मार्पित करते हैं.”

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