छत्तीसगढ़ में बसपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के गठबंधन में अब कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) भी शामिल हो गई है। नये बने गठबंधन के बाद विधानसभा की दो सीटें सीपीआई को दी गई हैं। अब बस्तर की दंतेवाड़ा और कोंटा विधानसभा सीट से लेफ्ट गठबंधन से अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी। दोनों ही सीटों पर पूर्व में सीपीअाई का दबदबा रहा है।
बसपा और सीपीअाई के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से रविवार को जनता कांग्रेस सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बसपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (छजकां) गठबंधन की लोकप्रियता को देखते हुए सीपीआई भी हमारे साथ शामिल हो रही है। उन्होंने कहा कि सीपीआई के शामिल होने से गठबंधन को मजबूती मिलेगी और बस्तर, सरगुजा व भिलाई में फायदा होगा।
संयुक्त रूप से लिए गए पार्टियों के इस निर्णय के बाद बसपा के खाते में 33 सीटें रह गई हैं। अजीत जोगी ने कहा कि गठबंधन का यह फैसला मायावती से चर्चा के बाद लिया गया है। इससे मजूदर और किसान वर्ग के बीच हमारी ताकत और बढ़ेगी। बता दें कि दोनों ही सीटों पर सीपीअाई का प्रभाव रहा है और छत्तीसगढ़ गठन से पहले और उसके कुछ समय बाद भी यह सीटें सीपीआई के खाते में थीं।
छत्तीसगढ़ में बने इस गठबंधन का मुख्यमंत्री का चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी होंगे
इस गठबंधन होने के बाद संयुक्त रूप से तीनों दलों ने कहा कि सीपीआई के शामिल होने से बस्तर सहित कई अन्य विधानसभाओं में मजबूत स्थिति होगी। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां मजदूर वर्ग की संख्या ज्यादा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत जोगी बसपा-जेसीसीजे-सीपीआई महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के प्रत्याशी होंगे।
गठबंधन के नेताओं ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसकी नीति और नियत दोनों ही जनविरोधी है। रमन सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री पिछले 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने मजबूर अौर 50 फीसदी लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर नहीं निकाल पाया उसे मुख्यमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।दंतेवाड़ा और कोंटा में सीपीआई की मजबूत पकड़ हैं और अब गठबंधन में सीपीआई ने आने से भारी फायदा मिलेगा।