तेलंगाना, विधान सभा चुनाव से पहले TRS पार्टी में भारी उठापटक शुरू हो गई है तथा पार्टी के कई सीनियर नेता बसपा मे शामिल हो गए हैं । तेलंगाना संघर्ष समिति (TRS) के कई नेता जो पार्टी मे खुश नहीं थे। अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के लिए एक मजबूत आधार रेखा बना रहे हैं।इनमें कई सीनियर नेता जो पार्टी की स्थापना के समय से पार्टी के लिए जीजान से कठोर महनत से काम कर रहे थे । अब उनका कहना है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अपने मूल सिद्धांत से भटक गया है और उनके योगदान को भी नहीं पहचाना जा रहा है । उन्होने कहा कि उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के विफल होने के बाद अब बहुत निराश हैं।
मनचेरियल, जहां वरिष्ठ टीआरएस नेता और एमपीपी बेरा सत्यनारायण अपने हजारों समर्थकों के साथ बसपा में शामिल हो गए और टीआरएस उम्मीदवार तथा मौजूदा विधायक के खिलाफ निर्वाचन क्षेत्र में भी अभियान शुरू कर दिया है । उन्होने बताया कि तेलंगाना संघर्ष समिति एक क्षेत्रय पार्टी हैं तथा बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी हैं , इसलिए हमने तेलंगाना और देश हित बहुजन समाज पार्टी जॉइन की है जिसकी नीति “सर्वजन हिताय ! सर्वजन सुखाय !” वाली है जो देश व प्रदेश मे भाईचारा और समानता स्थापित करेगी ।
सूत्रों के मुताविक सिरपुर कागजनगर के एक अन्य सीनियर टीआरएस नेता कावेती सम्मिया , जो 2014 के इलैक्शन मे बहुत छोटे अंतर से हार गए थे, जल्द ही बसपा में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। सम्मिया ने यह भी कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में पिछड़ी जाति की ज्यादा आबादी है । आपको बता दें कि कावेती सम्मिया पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखते हैं उनका बसपा मे आना काफी फायदेमंद रहेगा ।
आपको बता दे कि तेलंगाना मे बसपा ने पिछले चुनाव मे दो सीटें जीती थी, निर्मल और सिरपुर कागजनगर । निर्मल से ए इंद्रकर रेड्डी और सिरपुर कागजनगर से कोनेरु कोनप्पा ने पिछले चुनावों में बसपा टिकट पर जीता था लेकिन बाद में धन का लालच कहे या सत्तारुड़ पार्टी का दवाब, तेलंगाना राष्ट्र समिति मे शामिल हो गए थे ।
बसपा इस चुनाव मे तेलंगाना में राष्ट्रीय पार्टी होने और अपने लक्षित समूहों (एससी, एसटी, बीसी , अल्पसंख्यकों और गरीबों व शोषितों ) का एक बड़ा हिस्सा होने के कारण राज्य में अच्छी उपस्थिति दर्ज कर सकती है ।