क्या यू.पी. उपचुनाव में सब कुछ पहले से ही सैट हो गया था ?

क्या यू.पी. उपचुनाव में सब कुछ पहले से ही सैट हो गया था ?
जी हाँ, हम यहाँ इसलिये कह रहे हैं क्योंकि बहिन जी ने ये सब ट्ट्वीट करके जनकारी दी है मैनपुरी के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक विशेषज्ञों और संघ की तरफ से यही इशारा हुया था कि भारतीय जनता पार्टी स्वयं चुनाव हार करके केवल और केवल डिंपल को ही लोकसभा का चुनाव जितवाइगी ।
इसका प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई में हमेशा सफलता प्राप्त करती रही और करती रहेगी जैसा कि सबको पता है कि समाजवादी पार्टी की कोई विचारधारा नहीं है।
अगर भारतीय जनता पार्टी जीतती है तो समाजवादी पार्टी के अखिलेश का अस्तित्व कम हो जाएगा और पूरे उत्तर प्रदेश की जनता मायावती जी के नेतृत्व में आक्रामक रूप से तैयार हो जाएगी जिससे भारतीय जनता पार्टी का लड़ना हमेशा असंभव हो जाता है।
संघ के रणनीतिकार इसी राजनैतिक सिद्धांत पर काम कर रहे हैं कि भाजपा के लोग केवल और केवल दूरगामी भारतीय जनता पार्टी की राजनीति के लिए समाजवादी पार्टी के डिंपल यादव को ही जीतना है ताकि ताकि भविष्य की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी के लिए सुविधाजनक हो जाए। भारतीय जनता पार्टी को यह भी पता है कि यू पी में कॉंग्रेस तो खत्म हो चुकी है और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी आन्तरिक रूप से गैर यादव नेताओं और बहुजन महापुरुषों के विरोध में रही है और आगे भी रहेगी ताकि केंद्र में RSS सोच वाली सरकार का हाथ गुप्त रूप से अखिलेश यादव और उनके परिवार के लोगों पर बना रहे।

यह भी सच है कि भाजपा और RSS यदि समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव को हरवा देती है तो फिर मुस्लिम और फुले, शाहू और अम्बेडकर विचारधारा के लोग तेजी से बसपा के तरह हो जायेंगे और फिर भाजपा और RSS यू.पी. से ही नहीं बल्कि पूरे देश से खत्म हो जाएगी तो इस प्रकार की गलती भाजपा, RSS और जातिवादी सोच वाली पार्टियाँ कभी नहीं करेगी । इसलिए डिम्पल यादव की जीत और रामपुर में आज़म खान को मात पक्की है ।
और इन्हीं समीकरण के लिए खतौली में भी भाजपा और RSS की गंभीर प्लानिंग चल रही है कि वहाँ जयंत चौधरी की पार्टी को जिताया ताकि चंद्रशेखर आजाद को लेकर दलित, मुश्लिम और पिछडे समाज के लोग भी गुमराह हो जाये ताकि भविश्य में भाजपा की जीत निश्चित हो सके ।

Comments (0)
Add Comment