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बसपा की टिकट डिमांड बड़ी, शीर्ष नेतृत्व के छूटे पसीने

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भोपाल (म.प्र.): बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में टिकटों के लिए जबरजस्त मारामारी है और इसका परिणाम ये कि टिकट फाइनल करने में आलाकमान के पसीने छूटे हुए हैं। . आपको बता दें कि बसपा  पिछड़ों , मुसलमानों ,अनुसूचित जातियों , अनुसूचित जनजातियों और गरीब स्वर्ण समाज के हितों की राजनीति करती हैं। टिकटों के लिए इस बार सुबह से शाम तक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर दावेदारों की भीड़ है।

जैसा कि बीएसपी अपने 22 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा तो सबसे पहले कर चुकी लेकिन अब बाकी 208 पर उसके पसीने छूट रहे हैं। बसपा ने एलान कर दिया था कि वो प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।  और उसने सबसे पहले राज्य में 20 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान भी बीजेपी और कांग्रेस से पहले कर दिया, लेकिन बाकी बची 208 सीटों पर टिकट दावेदारों की भीड़ को देखकर , अब बसपा आलाकमान का सिर चकराया हुआ है।

टिकटों के लिए इस कदर मारामारी है कि नेता भी हैरान हैं कि वे किसका टिकट काटें और किसे टिकट थमाएं, लेकिन माथापच्ची तो करना ही है. अब 208 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने में पार्टी लगी हुई है. यही वजह है कि बीएसपी दफ्तर में इन दिनों अच्छा-खासा मेला लगा हुआ है।

बसपा नेताओं का कहना है किसी भी प्रत्याशी को उसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि, व्यवसाय, ज़मीनी पकड़ और सभी जाति व धर्म को बराबर हक़ मिलें, को ध्यान में रखकर ही टिकट दिया जाएगा. प्रदेश प्रभारी रामअचल राजभर खुद दावेदारों से वन टू वन बात कर रहे हैं। सभी पहलुओं के साथ दावेदारों का आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है. गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को बीएसपी ने ना कहने की पूरी तैयारी कर ली है।
चुनाव में बसपा, आधी आबादी वाली महिलाओं और युवाओं का भी पूरा-पूरा ख्याल रखेगी।  उसकी प्लानिंग ये है कि वो अन्य पार्टियों की तुलना में महिलाओं के साथ ही युवाओं को भी अधिक से अधिक टिकट दिया जाएगा। तथा सभी प्रत्याशियों के नाम पर अंतिम मौहर बसपा सुप्रीमो फाइनल करके लगायेंगी।

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