भीमा कोरेगाँव के दंगा की असली गवाह वीडिओ क्लिप
भीमा कोरेगाँव में 1 जनवरी 2018 को जो दंगा हुआ था उसका असली सबूत इस वीडिओ क्लिप में है जो एनसीपी लीडर डॉक्टर जितेंद्र अवहाद ने अपने ट्वीटर एकाउंट से शेयर की थी। उन्होंने दावा किया कि दंगा से पहले सम्भाजी भिड़े असली नाम मनोहर कुलकर्णी व्…
मायावती की सर्वजन हिताय ! सर्वजन सुखाय ! नीति से बहुजनों के साथ सवर्ण समाज भी प्रभावित
मायावती की सर्वजन हिताय ! सर्वजन सुखाय ! व् मानवतावादी नीति से दलित , पिछड़े व् मुस्लिमों के साथ-साथ सवर्ण समाज भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है। और चाहते हैं मायावती को अपना सर्वमान्य नेता बनाना। एक जमाना था जब मायावती को सवर्ण समाज हीनता की…
स्टूडेंट कैसे अपनी मेमोरी बढाएँ
स्टूडेंट कैसे अपनी मेमोरी बढाएँ अक्सर विध्यार्थी क्लास में अच्छी तरह पढ़ने के बाद भी भूल जातें हैं , हमने इस विषय पर काफी अध्यन किया है . पहले हम भूलने के कारणों के बारे में बतायेंगें फिर उनका सही समाधान बतायेंगें . हमें पूरी उम्मीद हैं…
अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोज रात को सोने से पहले और सुबह जागने के बाद मुस्कुराना चाहिए
जी हाँ हमें अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोज रात को सोने से पहले और सुबह जागने के बाद मुश्कराना जरूरी है।
बहुजनों के नायक और सर्वजनों की मुखिया
कौन हैं बहुजनों के नायक और सर्वजनों की मुखिया जी हाँ हम बात कर रहें हैं बहुजनों के नायक मान्यवर कांशीराम साहब और सर्वजनों की मुखिया सुश्री बहन मायावती जी की। जैसा कि सभी जानतें हैं मान्यवर कांशीराम जी ने अपनी पूरी जिंदगी उन बहुजनों के लिए…
भीम आर्मी बनी थी षडयन्त्र का शिकार ?
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर अब जेल से बाहर आ चुके हैं और उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बताया कि भीम आर्मी का जन्म शोषित-पीड़तों को शिक्षा व् न्याय देने के लिए हुआ था। जो देश को आगे ले जाने वाला एक साहसिक कदम है। भीम…
क्या मायावती की सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय नीति सफल होगी ?
देश में जहाँ कुछ राजनैतिक पार्टियाँ जातिवादी व धार्मिक द्धेष फैलतीं हैं वहीँ मायावती सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय का सिद्धांत लोगों को समझकर राजनीति करतीं हैं। जो लोग रक्तपात व धार्मिक नफरत की राजनीति करतें हैं वे देश के लिए हितकारी नहीं…
इन 10 बातों ने कांशीराम को बहुजन राजनीति का चेहरा बनाया
हम अक्सर उत्तर भारत में बदले हुई राजनीतिक परिदृश्य के लिए मंडल युग की बात करते हैं जिसके तहत पिछड़ा वर्ग अपने अधिकारों को लेकर पहली बार सचेत हुआ था. यही वक्त दलितों के भी राजनीतिक रूप से चेतनशील होने का था हालांकि उन्हें हमेशा से भारत में…
‘जब कांशीराम राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार नहीं हुए’
1977 की एक सर्द रात ग्यारह बजे जैसे ही मायावती ने खाना खाने के बाद पढ़ना शुरू किया, उनके दरवाज़े की कुंडी बजी. जब मायावती के पिता प्रभुदयाल दरवाज़ा खोलने आए तो उन्होंने देखा कि बाहर मुड़े-तुड़े कपड़ों में, गले में मफ़लर डाले, लगभग गंजा हो…
कांशीराम के बिना बसपा?
नौ अक्टूबर को कांशीराम का देहांत हुए दस वर्ष हो गए हैं. क्या यह सिर्फ संयोग है कि इस समय उनकी राजनैतिक उत्तराधिकारी मायावती और बहुजन समाज पार्टी सबसे कठिन दौर से गुजर रही है या इसके पीछे कांशीराम का न होना भी एक कारण है? मायावती को भी शायद…